रायपुर . कोरोना वायरस ने प्रदेश को पूरी तरह से जकड़ लिया है। आंकड़े इस बात के प्रमाण हैं। 8 सितंबर को प्रदेश के अलग-अलग लैबों में 18,551 सैंपल की जांच हुई, जिनमें से 2,545 लोग संक्रमित पाए गए, यानी की हर 7वां व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला। स्पष्ट है कि अगर सैंपलिंग और टेस्टिंग का दायरा और बढ़ता है तो यह आंकड़ा भी बढ़ेगा।
राज्य में अब 7 लाख से अधिक संदिग्धों की कोरोना जांच हो चुकी है, जो कुल आबादी 2.50 करोड़ का 2.8
प्रतिशत है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो हजारों ऐसे भी लोग हैं, जो वायरस लोड कम होने की वजह से खुद की इम्युनिटी से वायरस को हरा दे रहे हैं। मगर, कई हजार लोग ऐसे भी हैं जो संक्रमित हैं और लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। यही वजह है कि वायरस खतरनाक स्थिति में जा पहुंचा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों से भी बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिलने शुरू हो चुके हैं, जो चिंता का बड़ा विषय बन गया है।
एक्टिव मरीज 27,000 के पार
एक्टिव मरीजों की संख्या 27 हजार के पार जा पहुंची है, जिनमें सबसे ज्यादा 10,500 से अधिक मरीज रायपुर जिले में हैं। अब हर जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। खासकर रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, बलौदाबाजार, महासमुंद, जांजगीर चांपा, कोरबा, सरगुजा और बस्तर भी।
3 हजार मरीज होम आइसोलेशन में
आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 3 हजार से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जिनमें 1200 से अधिक रायपुर जिले में हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने होम आईसोलेशन वाले मरीजों खास निर्देश दिए हैं कि वे जरा भी परेशानी होने पर तत्काल सूचित करें, ताकि उन्हें समय पर अस्पताल में भर्ती करवाया जा सके।
पॉजिटिव आने के पहले ही गंभीर स्थिति में पहुंच रहे मरीज
प्रदेश में भले ही सरकार ने कोरोना सैंपल की जांच क्षमता बढ़ा दी हो, मगर हालात बेकाबू हैं। व्यक्ति पॉजिटिव आने के पहले ही गंभीर स्थिति में पहुंच जा रहा है। और जब तक अस्पताल में शिफ्टिंग हो रही है, तब तक देर हो जा रही है। रायपुर में बीते २ दिन में ऐसे ही दो मामले सामने आए, जहां जिस दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उसी दिन मरीज की मौत हो गई। मौत के आंकड़े बढऩे के पीछे लक्षण पहचानने में देरी, इलाज में देरी और अस्पतालों में बेड, आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी वजह बन रही हैं।