रायपुर. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के बयान पर राजनीति गरमा गई है। उनके खिलाफ भाजपा महिला मोर्चा, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय और अजीत जोगी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनामिका पॉल ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत का कहना है, महिला आयोग की अध्यक्ष का बयान महिलाओं का अपमान है। इस दूषित मानसिकता के लिए डॉ. नायक को महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। प्रदेश में महिला पर लगातार बढ़ते अपराध के बावजूद महिलाओं पर ही तोहमत मढऩे का काम कांग्रेस के लोग कर रहे हैं।
निभा रहा एंटी वुमन कमीशन की भूमिका
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने आरोप लगाया है, राज्य का वुमन कमीशन एंटी वुमन कमीशन की तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा, वर्तमान अध्यक्ष का यह बयान कि अधिकांश महिलाएं अपनी सहमति से सम्बंध बनाती है और बाद में बलात्कार का आरोप लगाती है, कतई स्वीकार्य नहीं है। आयोग की वर्तमान अध्यक्षा के कहे अनुसार अधिकांश मामलों में महिलाएं गलत होती है। ऐसा कहते समय शायद अध्यक्षा ये भूल गयीं कि किसी से भी छलपूर्वक या गलत जानकारी के आधार पर प्राप्त सहमति को सहमति नहीं माना जा सकता।
बयान नारी अस्मिता के खिलाफ
अजीत जोगी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अनामिका पाल ने कहा किरणमयी नायक ने ऐसा बयान देकर महिला विरोधी होने और कुंठित मानसिकता का परिचय दिया। किरणमयी नायक को राज्य महिला आयोग जैसे महत्वपूर्ण पद में एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है, किरणमयी से इस्तीफा देने और महिला समाज से माफी मांगने की मांग की है।
आयोग का काम न्याय दिलाना, उपहास उड़ाना नहीं
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री मीनल चौबे ने कहा कि महिला आयोग का यह दायित्व होता है कि वह महिलाओं को न्याय दिलाए न कि उनका उपहास उड़ाए या अपमानित करें। डॉ. नायक रायपुर की प्रथम महिला रह चुकी है। उनके इस विचार से मैं स्तब्ध हूं। जानकारी के अभाव में और परिस्थितिवश अगर कोई महिला धोखा खाती है, तो उसे न्याय दिलाना आयोग का कर्तव्य होना चाहिए। डॉ. नायक को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए।