नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कोविड-19 से प्रभावित रिटेल बॉरोअर्स को राहत देने के लिए एक लोन रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी पेश की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देश के मुताबिक बैंक ने यह कदम उठाया है। बैंक की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिस्ट्रक्चरिंग पॉलिसी के सुचारू एवं परेशानी रहित क्रियान्वयन के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लांच किया गया है।
अगर आप भी स्टेट बैंक की इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको एलिजिबिलिटी चेक करनी होगी। आप अपनी सुविधा के मुताबिक घर बैठे इस पोर्टल के जरिए लोन रिस्ट्रक्चरिंग के लिए एलिजिबिलिटी चेक कर सकते हैं।
SBI के रिटेल ग्राहक को इस पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद अकाउंट नंबर डालने की जरूरत होगी। ओटीपी वैलिडेशन पूरा करने और कुछ जरूरी जानकारी डालने के बाद ग्राहक को अपनी एलिजिबिलिटी की जानकारी मिल जाएगी और रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा। यह रेफरेंस नंबर 30 दिन के लिए वैध होगा और इस अवधि के दौरान ग्राहकों को जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए शाखा जाना होगा। दस्तावेजों के सत्यापन और शाखा में सामान्य दस्तावेजों के एक्जीक्यूशन के जरिए रिस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
SBI के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिटेल एंड डिजिटल बैंकिंग) सी एस शेट्टी ने उम्मीद जतायी है कि यह पोर्टल ग्राहकों के लिए काफी मददगार साबित होगी। वे ब्रांच जाने से पहले इस पोर्टल के जरिए अपनी एलिजिबिलिटी का पता लगा सकेंगे।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एसेट्स, जमा, शाखा, ग्राहक और कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक है। 31 मार्च, 2020 को बैंक का डिपोजिट बेस 32 लाख करोड़ रुपये से अधिक का था।